51 शक्तिपीठोंमें से
एक है।हिन्दू धर्मकेपुराणोंके
अनुसार जहां-जहांसतीके अंग के टुकड़े, धारण किएवस्त्रयाआभूषणगिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ
अस्तित्व में आये। ये अत्यंत पावनतीर्थस्थानकहलाये।
ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं। देवीपुराण में51 शक्तिपीठोंका
वर्णन है।कश्मीरमेंअमरनाथकी
पवित्र गुफा मेंभगवान शिवके
हिम-ज्योतिर्लिंग के दर्शन होते हैं। वहीं पर हिम-शक्तिपीठ भी बनता है।एक
गणेश-पीठ, एक
पार्वती पीठ भी हिमनिर्मित होता है। पार्वती पीठ हीशक्तिपीठ स्थल है।श्रावणशुक्लपूर्णिमाको
अमरनाथ के दर्शन के साथ-साथ पार्वती शक्तिपीठ का भी दर्शन होता है।यहाँ
सती के अंग तथा अंगभूषण की पूजा होती है, क्योंकि यहाँ उनके कण्ठ कानिपात हुआ था। यहाँ की शक्ति 'महामाया' तथा भैरव 'त्रिसन्ध्येश्वर' है।
अमरनाथ यात्रा
जम्मू कश्मीरराज्य में स्थित अमरनाथ
बहुत पवित्र तीर्थस्थल है।श्रीनगरसे 140 किलोमीटर
उत्तर-पूर्व, समुद्रतल
स्व 13600 फुट की
ऊँचाई पर स्थितअमरनाथ
की यात्रा दुरूह है। इस गुफा में भक्तों को विभूति का प्रसाद दियाजाता
है। यह गुफा मात्र कुछ दिनों के लिएआषाढ़सेश्रावणपूर्णिमातक ही खुलती है। अमरनाथ गुफा पहुँचने के दो मार्ग हैं-एक मार्ग
श्रीनगर से 70 किलोमीटर
दूर बालताल होकर जाता है। यहमार्ग पैदल चलने की दृष्टि सेछोटा ज़रूर है, पर काफ़ी खतरनाक है।
क्योंकि बरसात से ख़तरा बढ़ जाता है।दूसरा मार्गपहलगामसे शुरू होता है,
जो चंदनबाड़ी,
शेषनाग,
पंचतरणी होकर जाता है। अधिसंख्य यात्री इसी इसी मार्ग को अपनाते है
हैं।जम्मूसेपहलगामतक 12 घण्टे
बस की यात्रा रात्रिविश्राम पहलगाम में करके[1]यात्रा
प्रारम्भ होती है। पहला पड़ाव 14
किलोमीटर दूर चन्दनबाड़ी में होताहै। यह दूरी पैदल या मिनी
बस से की जा सकती है। 9500 फुट की
ऊँचाई परस्थित
चंदनबाड़ी में सर्द हवा तथा ठण्ड लगने लगती है। यहाँ पर यात्रा केलिए
नुकीली छड़ियाँ ख़रीद ली जाती हैं, क्योंकि यहाँ पर पदयात्रा प्रारंभहोती है। लगभग 32 किलोमीटर
सीधी यात्रा चढ़ाई वाली मार्ग होने से काफ़ीकठिन लगती है।
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